दुस्साहसी प्रवृत्ति का था गैंगस्टर माधव दुबे, अपनों से बैर पड़ी भारी
जरायमपेशा में कदम रखने के बाद बहुत अल्प समय में माधव ने स्वयं को गैंगस्टर के रूप में स्थापित किया । इसके अलावा उसे इस स्थान तक लाने में उसके आकाओं का बड़ा योगदान रहा।
बताया जाता है कि माधव दुबे को आधुनिक हथियारों से लैस करने एवं सभी तरह के…