राजद पर निगाहें, जदयू पर निशाना…, बिहार एनडीए में भूचाल लाने वाले टुन्ना पांडे की यह है राजनीति!
शहाबुद्दीन के निधन से सियासत में खाली जगह को भरने की कवायद तो नहीं?
आरजेडी नहीं शहाबुद्दीन के लिए धड़कता है बीजेपी एमएलसी का दिल
सीवान (voice4bihar news)। बिहार में सत्ता संभाल रहे एनडीए गठबंधन में भूचाल लाने वाले बीजेपी एमएलसी टुन्ना जी पांडे की हालिया बयानबाजी ने राज्य का सियासी पारा गरम कर दिया है। वैसे तो बिहार बीजेपी ने अपने ‘बड़बोले एमएलसी’ टुन्ना पांडेय को शोकॉज थमा कर मामले को शांत करने की कोशिश की है लेकिन यह प्रकरण इतना आसान नहीं है। क्योंकि अब यह मामला सिर्फ जदयू व भाजपा के बीच का नहीं रह गया है। मुख्य विपक्षी दल राजद यहां तीसरे कोण की भूमिका में है। इस प्रकरण में सीवान जिले की राजनीति में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के निधन के बाद खाली हुए जगह को भरने की बेताबी भी है।
गौरतलब है कि लंबे समय से टुन्ना जी पांडे भाजपा समर्थित एमएलसी होने के बावजूद राजद, लालू यादव, तेजस्वी यादव तथा पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की तारीफ करते रहे हैं। वहीं भाजपा व जदयू के वरिष्ठ नेताओं की जमकर आलोचना भी करते रहे हैं। यह हर कोई जानता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में टुन्ना पांडे ने अपने भाई बच्चा पांडेय को राजद का टिकट दिलाने के लिए न सिर्फ मेहनत की बल्कि उन्हें जिताने के लिए पसीना भी बहाया था। फिलहाल बच्चा पांडे बड़हरिया विधानसभा से आरजेडी के विधायक हैं।
फिलहाल राजनीतिक गलियारों में यह भी माना जा रहा है कि 2024 में सीवान लोकसभा सीट पर राजद की ओर से अपनी उम्मीदवारी पक्की करने के लिए ही टुन्ना जी पांडे इस तरह की बयान बाजी कर रहे हैं। टुन्ना जी को यह भली भांति पता है कि मो. शहाबुद्दीन के परिवार को साधे बिना सीवान की राजनीति में लंबी छलांग लगाना मुश्किल है। यही कारण है कि मो. शहाबुद्दीन के मसले पर वे सीएम नीतीश कुमार के साथ केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा करते दिख रहे हैं। मजेदार बात यह है कि जिस वक्त टुन्ना जी बयान दे रहे थे वह राजद का मंच था। उनके पीछे स्पष्ट रूप से राजद का बैनर लगा हुआ दिख रहा है।

बचपन से ही शहाबुद्दीन के लिए धड़कता है दिल : टुन्ना जी
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भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के वोट से विधान परिषद सीट पहुंचने वाले एमएलसी टुन्ना जी पांडे का दिल बचपन से ही पूर्व सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के लिए धड़कता है न कि राजद-भाजपा-जदयू या कांग्रेस के लिए। यह बात खुद विधान परिषद सदस्य टुन्ना जी पांडे कहते हैं। यह बयान टुन्ना जी पांडेय की साफगोई है या राजनीति…, यह कहना जरा मुश्किल है।
टुन्ना जी पांडे बताते हैं कि लंबे समय से वे पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से जुड़े हुए हैं और उनका पूर्व सांसद के परिवार से भी वैसा ही जुड़ाव है। समय-समय पर भले ही वे भाजपा से जुड़े हों लेकिन दिल से वे हमेशा पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को है अपना नेता, जनता का नेता मानते रहे हैं।
मुख्यमंत्री पर सीधा आरोप लगाते नजर आए बीजेपी एमएलसी
सीवान में भी सारण जिले की तरह ही एंबुलेंस खरीद प्रकरण सामने आने के बाद प्रेस से बातचीत के दौरान टुन्ना जी पांडे ने कई गंभीर आरोप अपने ही दल भाजपा तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगाए। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि पूर्व सांसद की मौत कोरोना से नहीं हुई है बल्कि यह एक राजनीतिक हत्या है। सोची समझी साजिश के तहत पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को मारा गया है। और मारने वालों में वही लोग शामिल हैं जो जेल से छूटने के बाद पूर्व सांसद को फिर तिहाड़ जेल भेजने के लिए अनशन-धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बेहद घटिया राजनीति करते हैं। एक और नुरुल होदा की मौत के बाद उनके शव को सिक्किम से बिहार लाने के लिए सिक्किम के मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का शव उनके पैतृक गांव प्रतापपुर ना आए इसके लिए तमाम प्रयास करते हैं और सफल भी होते हैं। राजनीति में इतना नीचे उतरना सही बात नहीं है।
क्या अपने ही एमएलसी पर कार्रवाई करेगी बीजेपी?
दूसरी ओर अपने ही एमएलसी टुन्ना पांडे की ओर से मुख्यमंत्री पर लगाए गए इस तरह के आरोप के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को समझ नहीं आ रहा कि वे आखिर करें क्या? बातचीत के दौरान हैं टुन्ना जी पांडे ने यह भी कहा कि और उनके नाम में यादव लगा होता और मौत दिल्ली में हुई होती तो मृत शरीर बिहार जरूर आता लेकिन शहाबुद्दीन को उनके मुसलमान होने तथा नीतीश कुमार का विरोध करने की सजा दी गई है। बहरहाल, बिहार की राजनीति में भूचाल लाने वाले एमएलसी पर बीजेपी क्या स्टैंड लेती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।