पहले जबरन कराया गर्भपात, फिर फोन पर दिया तीन तलाक

  • देश में तीन तलाक के खिलाफ बने कानून के बावजूद ऐसी नौबत
  • पुलिस से गुहार के बाद भी नहीं मिला न्याय, एसपी तक पहुंचा मामला

भागलपुर ( voice4bihar desk ) । देश में इंस्टैंट तलाक यानि तीन तलाक को अवैध घोषित करने के बावजूद भागलपुर के कहलगांव में एक मामला सामने आया है, जहां पहले तो महिला के पति ने उसका जबरदस्ती गर्भपात कराया और फिर फोन पर ही तीन तलाक बोल दिया। अब पीड़िता का पति दूसरी निकाह की धमकी दे रहा है। यह मामला भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल क्षेत्र के एनटीपीसी थाना ग्राम भदेर की रहने वाली महजबी खातून का है ।

महिला का कहना है के उसके पति मोइन अंसारी और ससुराल वालों ने पहले दहेज के लिए प्रताड़ित किया और जब मांग पूरी नहीं की गई तो शराबी पति ने महजबी को मोबाइल पर ही तलाक दे दिया और दूसरी शादी करने की धमकी दे दी । यातना का दौर यहीं खत्म नहीं हुआ। पीड़िता ने पति और ससुराल पक्ष पर जबरन गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया है और इसकी शिकायत लेकर संबंधित थाना गयी थी। हैरत तो यह कि थाने में इस शिकायत पर कोई गौर नहीं किया गया, लिहाजा पीड़ित महिला जिले के रेंज डीआईजी सुजीत कुमार से मिली और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी ।

डीआईजी ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन के लिए त्वरित कार्रवाई के लिए पीड़िता को तत्कालीन एसएसपी आशीष भारती के पास भेज दिया लेकिन नतीजा 2 माह बीतने के बाद भी पीड़िता को ना थाने से मदद मिली और न ही कोर्ट के निर्देशों का कोई अनुपालन ही हो पाया । अब बेखौफ पति और ससुराल वाले पीड़िता और उसके परिजनों को शिकायत वापस लेने के लिये धमकियां दे रहे हैं। थक हारकर आज फिर वह 2 माह बाद हिम्मत जुटाकर ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण एण्ड एन्टी करप्शन ब्यूरो भारत’ के रवि कुमार जिला अध्यक्ष बिहार जनरल ब्रिगेड, महिला अध्यक्ष अमिता कौशिक और महिला महासचिव अनिता कौशिक के पास पहुंच गुहार लगाई ।

संस्था की टीम ने पीड़िता को साथ लेकर भागलपुर एसएसपी निताशा गुड़िया से मुलाकात की और 2 माह से लंबित पड़े मामले से अवगत कराया । जिसके बाद एसएसपी ने कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए पीड़िता को महिला विंग भेज दिया। बड़ा सवाल है कि 2019 में विधेयक पास होने के बाद कानून भी बन गया, जिसमें तीन तलाक बोलना भी अपराध माना जाता है। बावजूद आज भी महिलाओं पर प्रताड़ना जारी है और इसे सार्थक कराने वाले अधिकारियों की अनदेखी महिलाओं की जलालत को और बढ़ा रही है ।

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