सावन सोमवारी पर जानलेवा बनी मछली, विषाक्त मछली खाने से एक ही परिवार के तीन की मौत

सोमवार को घर में बना था मछली का व्यंजन, मंगलवार को हुआ अमंगल

मरने वालों में तीन पीढ़ियों के लोग, पीएमसीएच में मौत से जूझ रहा है चौथा शख्स

छपरा (voice4bihar news) । सारण जिले में वर्षों पहले धर्मासती गंडामन गांव में विषाक्त मध्याह्न भोजन से बच्चों की मौत की याद मंगलवार को फिर ताजा हो गयी जब एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत विषाक्त भोजन से हो गयी। ताजा घटना दरियापुर थाना क्षेत्र के सदवारा गांव में हुई, जहां विषाक्त मछली खाने से एक ही परिवार के तीन की मौत हो गयी, जबकि एक शख्स का PMCH पटना में इलाज चल रहा है। मृतकों में एक मासूम भी शामिल है।

भोजन करने के कुछ ही देर बाद होने लगी उल्टियां

बताया जाता है कि सोमवार की देर शाम सदवारा गांव निवासी मिथलेश राय गरीबाचक बाजार से मछली खरीद कर लाये थे। घर में ही मछली बनाकर पूरे परिवार ने खाया, लेकिन कुछ घंटे के बाद सभी की तबीयत खराब हो गयी। परिवार के सभी सदस्यों का उल्टियां होने लगी तो गांव वालों ने आनन-फानन में सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने सुभाष राय (51) को मृत घोषित कर दिया। वहीं इलाज करने के दौरान थोड़ी देर में ही एक-एक कर बाला राय (15) व बिराज कुमार (06) की भी मौत हो गयी।

मछली खरीद कर लाने वाले शख्स की हालत चिंताजनक

दूसरी ओर मिथलेश राय की हालत गंभीर होते देख डॉक्टरों ने पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल (PMCH) रेफर कर दिया। जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी। स्थानीय पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेज दिया। बताया जाता है कि सोमवार की रात पूरे परिवार ने मछली के व्यंजन का लुत्फ लिया था और मंगलवार को तीन की मौत हो गयी। कुछ लोग इस घटना को सावन सोमवारी पर निरामिष भोजन करने के परिणाम के तौर पर भी देख रहे हैं।

इसी जगह पर इसी चूल्हे पर बना था मछली का व्यंजन।

पिता – पुत्र व पौत्र की गयी जान, एक साथ उठी तीन पीढ़ियों की अर्थी

विषाक्त मछली खाने से सदवारा गांव में एक साथ तीन पीढ़ियों की अर्थी निकली । मृतक के परिजनों ने बताया कि मृतकों में 51 वर्षीय सुभाष राय व उनके पुत्र बाला राय ( 15 ) के अलावा पौत्र विराज कुमार ( 06 ) की मौत हुई है । वह सुभाष राय के भतीजा विजय राय का पुत्र है । इस प्रकार विषाक्त मछली ने एक ही साथ पिता , पुत्र व पौत्र की जान ले ली । हालांकि भोजन विषाक्त कैसे हुआ , इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। क्योंकि कोई भी ग्रामीण कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था।

मछली बनाने के दौरान भूलवश जहरीला पदार्थ डाले जाने की आशंका

मछली का व्यंजन विषाक्त होने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि रात में मछली बनाने के दौरान किसी ने भूलवश जहरीला पदार्थ डाल दिया होगा। चूंकि यदि मछली जहरीली होती तो बाजार से खरीदे अन्य लोगो की भी मौत हो जाती। ऐसे डीएसपी सोनपुर अंजनी कुमार सिंह ने भी मछली बनाने के दौरान भूलवश थायमेट जैसा जहरीला पदार्थ डाल दिए जाने की आशंका व्यक्त की है। क्योंकि मछली में डाले जाने वाले राई की तरह ही थायमेट कीटनाशक भी नजर आता है।

खाद्य पदार्थ में कीटनाशक मिलने से पहले भी जा चुकी है जान

हालांकि घटना की सही जानकारी फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही मिल पाएगी। हाल के वर्षों में सारण जिले में भोजन जहरीला होने से मौत की यह दूसरी घटना है। विदित हो कि 12 जनवरी 2018 को डेरनी थाना क्षेत्र के खिरीकिया में भी चाय बनाने के दौरान चायपत्ती की जगह थायमेट डाल दिए जाने से एक 2 वर्षीय मासूम समेत 2 महिलाओं की भी मौत हो गयी थी। इससे पहले वर्ष 2013 में सारण के मशरख प्रखंड अंतर्गत धर्मासती गंडामन गांव में मध्याह्न भोजन में जहर मिलने के कारण दो दर्जन से अधिक मासूमों की मौत हो गयी थी।

Three die after eating poisonous fishसावन सोमवारी पर जानलेवा बनी मछली