मत्यस्य विभाग के आंकड़े कर रहे सरकार के रोजगार के दावे का खुलासा

विभाग में स्वीकृत 1448 पदों में से 1057 खाली

Voice4bihar desk. 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा कर एनडीए की सरकार विधानसभा चुनाव जीत कर सत्ता में बनी हुई है। पर, पिछले 15 सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज एनडीए रोजगार को लेकर कितनी गंभीर है इसका खुलासा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के आंकड़े कर रहे हैं। एक राजनीतिक पार्टी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में विभाग ने बताया है कि विभाग में स्वीकृत 1448 पदों में से 1057 खाली हैं। यानी विभाग महज तीस फीसद मानवबल के दम पर काम कर रहा है। यह स्थित तब है जब राज्य में उद्योग धंधे की संभावना क्षीण दिख रही है और मत्स्य पालन राज्य की समृद्धि में अहम भूमिका निभा सकता है।

झारखंड के बिहार से अलग होने के बाद कहा गया कि उद्योग धंधा हमसे छीन लिया गया और हमारे पास केवल नदी और तालाब बच गये हैं। दुखद है कि पिछले 20 वर्षों में सत्ता पर काबिज किसी भी सरकार ने अपनी क्षमता को नहीं पहचाना और यहां के लोग रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। राज्य सरकार अगर समय रहते ध्यान देती तो बिहार नीली क्रांति की अगुवाई करने वाला राज्य बन सकता था। पर, स्थित है कि मछली खपत के मामले में भी बिहार दूसरे राज्यों पर आश्रित है । बिहार में मछली की मांग को पूरा करने के लिए आंध्र प्रदेश से मंगाना पड़ता है जबकि बिहार में मछली उत्पादन के लिए संसाधन और संभावनाओं की कोई कमी नहीं है

राज्य में नवगठित प्लूरल्स पार्टी ने बिहार के मत्स्य विभाग से खाली पदों की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी। पिछले चुनाव में प्लूरल्स पार्टी काफी चर्चित हुई थी। हालांकि इसकी जितनी चर्चा हुई पाटी को उतने मत नहीं मिले। पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया ने खुद को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया और पटना के बांकीपुर तथा दरभंगा के बिस्फी से चुनाव लड़ीं और दोनों जगह उनकी जमानत जब्त हो गयी। कहने की जरूरत नहीं है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। प्लूरल्स पार्टी द्वारा मांगी गयी जानकारी में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने बताया है कि मत्स्य विभाग में अधिकारी से लेकर लिपिक तक के अधिकतर पद वर्षों से खाली पड़े हैं ।

कई ऐसे भी पद है जिस पर एक भी कर्मी तैनात नहीं है । मत्स्य निदेशालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार खली पदों में उप सचिव,  कार्यपालक अभियंता ( योजना ), म.नि. के सचिव, आय व्यय पदाधिकारी, लेखा पदाधिकारी, सांख्यिकी पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पदा . ( मन योजना ), आशुलिपिक सह टंकक, संगणक, जीप चालक ( मन योजना ), ट्रक चालक, ट्रेजरी सरकार, अभिलेख वाहक, म्यूजियम एटेंडेंट, भंडारपाल, चौकीदार, फारस, आदेशपाल और दफ्तरी 1-1 पद खाली हैं।

अवर सचिव, उप मत्स्य निदेशक, प्रशाखा पदाधिकारी, म.प. पदाधिकारी ( सूचना केंद्र ), सांख्यिकी सहायक / संगणक और सारंग सह मैकेनिक के 2-2 पद खाली हैं। संयुक्त मत्स्य पदाधिकारी और इन्सुलेटेड वैन चालक के 3-3, आईस प्लांट मिस्त्री के 5, सचिवालय सहायक के 7, मत्स्य विकास पदा . ( मन योजना ) के 8, सहायक अभियंता के 9, कनीय अभियंता के 10, प्रखंड स्तरीय म.प्र.पदा . ( योजना ) के 15, उच्च वर्गीय लिपिक के 31, मत्स्य रक्षक के 34, जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी / व्याख्याता / संयुक्त मत्स्य निदेशक , योजना / अनुबंध के 36, आदेशपाल के 65, जीप चालक के 66, निम्न वर्गीय लिपिक के 85, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी / कनीय मत्स्य अनुसंधान पदा . / कनीय व्याख्याता 173,  मत्स्य विकास पदाधिकारी के 212 और मछुआ के 267 पद खाली हैं।

विभाग की मानें तो मत्स्य प्रसार पदाधिकारी , मत्स्य विकास पदाधिकारी एवं कनीय अभियंता के रिक्त पदों को भरने के लिए बिहार तकनीकि सेवा आयोग को अधियाचना निदेशालय स्तर पर भेजी गयी है । वहीं अन्य रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई भी चल रही है ।

The data of the Department of Fisheries is revealing the government's employment claim