अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सख्ती, खुली सीमा पर नहीं होती गश्ती

सशस्त्र सीमा बल की सुस्ती से अवैध कारोबारियों की मस्ती

इस्लामपुर में अवैध रूप से सीमा पार कराने के लिए वसूली का चल रहा धंधा

कोरोना संक्रमण बढ़ने पर नेपाल की तरफ से की गई सख्ती, आवगमन के लिए तय किये पांच रास्ते

अररिया से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

Voice4bihar news. भारत-नेपाल की जोगबनी सीमा से सटे नेपाल के प्रदेश एक में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए दोनों देशों के बीच आवाजाही पर नेपाल की ओर से सख्ती बढ़ा दी गयी है। ऐसे में सीमा के पार आने-जाने वाले लोग शनिवार से वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करते दिखे। सड़क से आवाजाही पर सख्ती हुई तो जोगबनी के विभिन्न जगहों पर खुली सीमा से लोग आवागमन करने लगे। हद तो तब हो गयी जब सीमा पार कराने के लिए कुछ लोग 100-200 रुपये तक वसूलने लगे।

विदित हो कि नेपाल में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण 18 अप्रैल को ही प्रदेश एक की सरकार ने भारत से लगी सीमा को व्यवस्थित करने का निर्देश दिया था, जिसके आलोक में जोगबनी सीमा से सटे नेपाल से लगी पांच सीमा को भारत-नेपाल नेपाल के बीच आवागमन के लिए तय किया गया है। इनमें मोरंग जिले के जोगबनी, सुनसरी जिले के भान्टाबारी, झापा जिले के काँकडभिट्टा भद्रपुर, इलाम के पशुपतिनगर नाका आवाजाही की अनुमति दी गयी है।

सीमा पर कड़ाई का फायदा उठा रहे इंट्री माफिया

एक तरफ सीमा पर नेपाल पुलिस की सख्ती देखी जा रही थी तो दूसरी तरफ जोगबनी के चाणक्य चौक से इस्लामपुर तक अतिक्रमण कर बनाये गए घरों के बीच के रास्तों से अवैध आवागमन जारी रहा। इस्लामपुर में सीमा पर अतिक्रमण के बीच में रास्ता बनाकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कराने का खेल चलता रहा। सीमा पार करने वाल व्यक्ति के पास जिस तरह का सामान होता था, उसी आधार पर दाम लेकर सीमा पार कराया जा रहा था। इस स्थान पर भारत की ओर से एसएसबी की तैनाती नहीं रहने से अवैध कार्य में लगे लोगों की चांदी कट रही है।

प्रति व्यक्ति 100-200 रुपये तक वसूल रहे इंट्री माफिया

सूत्रों की मानें तो इन रास्ते को स्थानीय कुछ लोगों ने बोरी में बालू भर कर रास्ता बनाया गया। कई जगह बांस के अस्थायी चचरी पुल बना दिये गए हैं। इस रास्ते से ही अवैध रूप से तस्करी के सामान, डीजल सहित अन्य सामग्री लेकर आने-जाने वालों से सामान की कीमत के हिसाब से रुपये लेकर सीमा पार कराया जाता है। ऐसी स्थिति में सीमा पर मानव तस्करी, नशीली दवा की तस्करी सहित अन्य अवैध गतिविधियों का खेल जारी है। इस खेल में एक अहम कड़ी वही लोग हैं, जो अवैध तरीके सीमा पर अतिक्रमण कर घर बनाकर रह रहे हैं।

भारत व नेपाल के बीच सीमा नाका पर लगा बैरियर।

खुली सीमा से शराब व नशीली दवाओं की तस्करी सुरक्षा बलों के लिए चुनौती

जोगबनी के टिकुलिया बस्ती से सटे नेपाल के दरहिया बस्ती में सुबह से भारत से नेपाल नेपाल से भारत अनिधकृत रूप से आने वाले को रोकने में नेपाल पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस झुंड में बड़ी तादाद उन युवाओं की थी जो टिकुलिया बस्ती में नशीली दवा का सेवन करने के लिए नेपाल से आ रहे थे। इसके अलावा छोटे-छोटे सामान की बोरी बना नेपाल जाने की फिराक में रहे कुछ तस्कर पुलिस से भिड़ गए। कुछ लोग इलाज के लिए नेपाल जाना चाहते थे, लेकिन नेपाल पुलिस ने कोरोना का हवाला देते हुए उन्हें भी जाने से रोक दिया।

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अपने देश जाने के लिए नेपाली व भारतीय नागरिक इस व्यवस्था का करें इस्तेमाल

जोगबनी सीमा पर नेपाल भाग में विराटनगर महानगरपालिका द्वारा हेल्थ डेस्क का संचालन किया गया है जिसमें नेपाली नागरिक अपना परिचय पत्र दिखा कर मुख्य नाका से आवागम कर सकते हैं। इसके लिए नेपाल की तरफ से पूरी ट्रेवल हिस्ट्री को रखा जा रहा है। इसी तरह जोगबनी के रास्ते नेपाल से आने वाले भारतीय नागरिक को आईसीपी से सहज रूप से आने की व्यवस्था की गई है।

अवैध रुप से बॉर्डर पार करते लोग।

विराटनगर में 11 दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में 30 गुना बढ़ोतरी

सीमा से सटे विराटनगर में लगातार कोरोना संक्रमण की दर लगातर बढ़ रही है, जिसके बाद सीमा इलाके में नेपाल के तरफ से सख्ती बरतने की बात प्रदेश सरकार के प्रवक्ता कानून मंत्री हिक्मत कार्की ने कही है। मंत्री कार्की के अनुसार कोरोना संक्रमण को नही बढ़ने देने व मुख्य सीमा से जाच के बाद नेपाली नागरिक को नेपाल सीमा में प्रवेश देने व खुली सीमा क्षेत्र से अनधिकृत रूप से आवाजाही रोकने का निर्देश दिया गया है।

श्री कार्की ने यह भी कहा कि प्रदेश एक पड़ने वाले जिले सुनसरी, मोरंग, झापा व इलाम क्षेत्र के दशगजा क्षेत्र में सशस्त्र प्रहरी को तैनात कर सीमा क्षेत्र को व्यवस्थित करने का काम किया जा रहा है। क्योंकि प्रदेश एक में कोरोना संक्रमित की पिछले दो सप्ताह में 30 गुना की बढ़ोतरी हुई है। 750 से ज्यादा कोरोना संक्रमित की संख्या शनिवार तक है, जिसमें एक तिहाई संक्रमित विराटनगर महानगरपालिका के अंदर के हैं। ऐसे में यह सख्ती जरुरी हो गयी थी।

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नेपाल सशस्त्र पुलिस ने सीमा इलाके में 3200 जवान किये तैनात

मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश एक में नेपाल सशस्त्र पुलिस के द्वारा अपने पूर्ण जनशक्ति को सीमा क्षेत्र में केन्द्रित किया है। दशगजा क्षेत्र से एक किलोमीटर दूर रहे सुरक्षा पोस्ट को दशगजा क्षेत्र में रहने का निर्देश दिया गया है। इससे पूर्व भी पिछले वर्ष कोराना के पहले लहर में इसी तरह से सशस्त्र पुलिस को सीमा क्षेत्र में केन्द्रीत कर इनकी तैनाती बढ़ाया था। बता दें कि भारत के साथ नेपाल के झापा, मोरंग व सुनसरी के 270 किलोमीटर व इलाम के 52 किलोमीटर की खुली सीमा क्षेत्र है।

Indo nepal relationindo-nepal borderpatrol does not happen on the open borderStrictness on the international border