नकली रेमडेसिविर बनाने के लिए पटना में बनता था स्टीकर

नेपाल में पकड़े गए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के पटना से जुड़े तार

ब्राउन शुगर का कारोबारी भी रहा है श्रवण यादव, रेमडेसिविर की तस्करी में जा चुका है जेल

अररिया से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

जोगबनी (Voice4bihar news)। कोरोना के इलाज में काफी कारगर माना जाने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर काला कारोबार करने वालों के तार नेपाल से लेकर पटना तक जुड़ते नजर आ रहे हैं। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह की नेपाल में गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि नकली रेमडेसिविर बनाने के लिए पटना से स्टीकर छपवा कर मंगाया गया था।

पटना में तैयार स्टीकर को चिपका कर बनाते थे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन

धंधेबाजों ने पटना से स्टीकर लाकर विराटनगर के होटल भिन्तुना में किराये पर कमरा लिया था, जहां पर एंटी बायोटिक दवा स्टासेफ का रैपर हटाकर रेमडेसिविर का स्टीकर लगाते थे। आपदा को अवसर में बदलने वाले इस गिरोह में शामिल अन्य ब्यक्ति तक पहुंचने के लिए नेपाल पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। नेपाल के मोरंग जिले के एसपी खड़का ने बताया कि इस गिरोह ने नकली रेडमिसिविर अब तक कहां-कहां बेची है, इसका पता लगाने के लिए सूक्ष्म अनुसंधान किया जा रहा है। होटल से बरामद नकली 6 डब्बा रेडमिसिविर किस शख्स को बिक्री के लिए रखा गया था, इसका भी अनुसंधान किया जा रहा है।

बुखार व सीने में दर्द की दवा के रुप में प्रयोग होता है “स्टासेफ”

नेपाल में 90 रुपये में बिकने वाले जिस स्टासेफ इंजेक्शन को नकली रेमडेसिविर में बदलने का धंधा सामने आया है, वह एक आम इंजेक्शन के तौर पर हर जगह मिलता है। स्टासेफ एक एंटीबायोटिक दवा है, जो बुखार व सीने में दर्द होने के वक़्त में प्रयोग किया जाता है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इन लोगों ने एजेंट के माध्यम से भी इसकी बिक्री करने का इंतजाम किया था। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर एजेंट को आठ हजार रुपये में इसकी बिक्री की जाती थी। यह एजेंट ही इसे जरूरतमंद को महंगी कीमत वसूली कर बेच दिया करते थे। पुलिस की मानें तो अभी पहली प्राथमिकता नकली इंजेक्शन कहां-कहां पहुंचा है, इसका पता लगाना है।

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ब्राउन शुगर के कारोबार में पुलिस के फरार सूची में भी शामिल था श्रवण यादव

नकली रेमडिसिविर बनाने के आरोप में गिरफ्तार दरहिया निवासी श्रवण यादव ब्राउन शुगर के एक मामले में फरार चल रहा था। पुलिस रिकॉर्ड में यह बात सामने आई है। पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में दस नवम्बर 2020 को विराटनगर के होटल रातो भाले से 10 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद किया था। उसी जगह से श्रवण यादव का ड्राविंग लाइसेंस बरामद हुआ था, लेकिन यादव की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। अब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में संलिप्तता के बाद पुलिस ने श्रवण यादव का आपराधिक इतिहास खंगालना शुरू कर दिया है।

 

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