पटना (voice4bihar desk)। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने Qualified but not in merit list कैटेगरी में रखे गये STET-2019 के छात्रों को खुशखबरी दी है। मंत्री श्री चौधरी ने बुधवार को पटना में एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि अभ्यर्थी परेशान न हों, शिक्षा विभाग अति शीघ्र उनके हित में और उनके पक्ष में निर्णय लेगा। मंत्री ने कहा कि विभाग उनकी समस्याओं को गंभीरतापूर्वक देख रहा है।
साथ ही मंत्री ने इससे जुड़ा पोस्ट भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि 2019 की परीक्षा में पास होने वाले छात्र जो क्वालिफाइड तो हैं लेकिन मेरिट लिस्ट में नाम नहीं है, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार इसे बहुत गंभीरता से देख रही है। जल्द से जल्द छात्रों के हित में फैसला आयेगा।
शिक्षा मंत्री के इस बयान के साथ ही हजारों उन छात्रों ने राहत की सांस ली है जिनकी सांसें STET-2019 की मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद अटक गयी थी। असल में STET-2019 का रिजल्ट इस बार दो चरणों में जारी किया गया। कक्षा नौ से 12 तक में शिक्षक पद पर बहाली के लिए आयोजित कुल 15 विषयों की परीक्षा में से 12 विषयों के रिजल्ट इसी साल 12 मार्च को जारी किये गये जबकि शेष तीन विषयों के रिजल्ट 21 जून को जारी किये गये।
12 मार्च को रिजल्ट जारी करते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस परीक्षा में जितने छात्र पास हुए हैं उन सब की नौकरी पक्की है। क्योंकि रिजल्ट में उतने अभ्यर्थियों को ही सफल घोषित किया गया है जितनी सीटें शिक्षक बहाली के लिए खाली हैं। 21 मार्च को मंत्री ने शेष तीन विषयों के रिजल्ट जारी करते हुए मेधा सूची भी जारी की। जब छात्रों ने मेधा सूची देखा तो हजारों ऐसे छात्र निकले जिन्हें Qualified but not in merit list की कैटेगरी में रखा गया। इससे छात्रों को भारी निराशा हुई।
सवाल उठा कि जब सीटों के मुताबिक ही छात्र सफल घोषित किये गये तो मेरिट लिस्ट में नाम क्यों नहीं है। छात्रों ने मेरिट लिस्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए 22 जून को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के बाहर और 23 जून को सचिवालय में शिक्षा विभाग के सामने प्रदर्शन किया। विभाग ने छात्रों के आरोपों का संज्ञान लिया और उसके निराकरण के प्रयास में जुट गयी है। इधर, छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनकी शंका का समाधान नहीं किया गया तो वे सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे।