पैसा लेकर आरोपियों को बचाने का प्रयास करते हैं थानेदार

आईएएस अधिकारी अनिल बसाक के पत्र से हुआ खुलासा

एसडीएम ने थानेदार को भेजा शोकॉज, रोहतास जिले के डीएम व एसपी को भी प्रतिलिपि भेजी

 

रोहतास से अभिषेक कुमार सुमन के साथ बजरंगी कुमार की रिपोर्ट

Voice4bihar news. रोहतास जिले में आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जाता है और यह प्रयास कोई राजनीतिक दल के नेता नहीं बल्कि स्वयं वर्दीधारी करते हैं। वह भी यह प्रयास साधारण वर्दीधारी नहीं बल्कि रोहतास जिले में पदस्थापित थानेदार करते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि एक आईएएस पदाधिकारी द्वारा जारी किया गया स्पष्टीकरण पत्र कहता है, जो रोहतास जिले के एक थानेदार को किया गया है।
आईएएस अनिल बसाक द्वारा जारी किए गए स्पष्टीकरण नोटिस में थाने का आसूचना संकलन तंत्र फेल बताते हुए वरीय पदाधिकारी को कुछ नहीं समझने और पैसे लेकर दोषियों को बचाने का प्रयास करने सहित कई संगीन आरोप थानाध्यक्ष पर लगाया गया है।

स्पष्टीकरण पत्र

क्या है पूरा मामला

आईएएस अधिकारी अनिल बसाक बतौर एसडीएम बिक्रमगंज अनुमंडल की कमान संभाले हुए हैं। जिनके द्वारा गोपनीय शाखा से 16 जुलाई 2024 को स्पष्टीकरण पत्रक संख्या 10 85 दावथ थानाध्यक्ष कृपाल जी के नाम जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि मोहर्रम पर्व के मद्देनजर सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के उद्देश्य से किए गए कार्य के विरुद्ध बार-बार दूरभाष पर थानेदार को सूचना दी गई और घटना में संलिप्त असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर सुसंगत धाराओं में अभिलंब प्राथमिक की दर्ज करने तथा बीएनएसएस की धारा 126 के तहत प्रस्ताव भेजने हेतु निर्देशित किया गया। इसके बावजूद घटना के चार दिन बाद केवल अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध 15 जुलाई 2024 को एफआईआर संख्या 233 दर्ज की गई। इसके पश्चात एसडीएम न्यायालय को बीएनएसएस की धारा 126 के तहत भेजे गए प्रस्ताव में थानेदार ने असामाजिक तत्वों द्वारा की गई घटना का जिक्र नहीं किया। दावथ के थानेदार की इस लापरवाही को एसडीम अनिल बसाक ने गंभीरता से लिया है।

बहुचर्चित सब इंस्पेक्टर हैं कृपाल जी

दावथ थानाध्यक्ष सब इंस्पेक्टर कृपाल जी बहुचर्चित सब इंस्पेक्टर रहे हैं। नोखा पदस्थापन के दौरान राजद नेत्री व मंत्री अनिता चौधरी की संगठनात्मक बैठक में बिना वर्दी हाफ पैंट में पहुंचने के कारण चर्चा में आए थे। तब कृपाल जी को लाईन क्लोज होना पडा था। मामला मीडिया और सोशल मीडिया में इस कदर चर्चा में आया कि इस प्रकरण के बाद पुलिस मुख्यालय को वर्दी धारण करने संबंधी गाईडलाईन जारी करनी पडी थी। हालांकि गाईडलाईन पहले से भी जारी है।

मंत्री अनिता चौधरी की संगठनात्मक बैठक में बिना वर्दी हाफ पैंट में सब इंस्पेक्टर कृपाल जी

 

नोखा से लाईन क्लोज होने के बाद कृपाल जी को तिलौथू की थानेदारी मिली, जहां सासाराम-तिलौथू मुख्य सडक पर महेशडीह पेट्रोल पंप की दिनदहाड़े लूट की वारदात हो गई और कृपाल जी सहित जिले की पुलिस अब तक इस घटना का उद्भेदन करने में नाकाम रही है। नोखा और तिलौथू के बाद कृपाल जी फिलवक्त दावथ के थानेदार हैं, जहां आईएएस अधिकारी अनिल बसाक ने बतौर एसडीएम इनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खडा करते हुए पैसा लेकर आरोपियों को बचाने और वरीय अधिकारियों को कुछ नहीं समझने सहित आसूचना तंत्र फेल होने का आरोप लगा स्पष्टीकरण नोटिस थमा दिया है।

एसडीएम के शोकॉज का जवाब तक नहीं दिया

बात तब और गम्भीर हो गई जब थानेदार ने शोकॉज पर ध्यान नहीं दिया। स्पष्टीकरण का जवाब नहीं मिलने के बाद आईएएस अधिकारी अनिल बसाक ने दूसरा स्पष्टीकरण भी भेज डाला है, जिसकी प्रतिलिपि जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को भी भेजी गयी है। बहरहाल इस मामले में देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों का क्या निर्णय होता है।

Police officers try to save the accused by taking moneyअनिल बसाक