बिहार के बरौनी ऑयल डिपो से पेट्रोल का आयात नेपाल ने किया बंद 

इंडियन ऑयल कारपोरेशन के बरौनी डिपो से हर रोज भेजे जाते थे 15-20 टैंकर तेल
बिहार के बरौनी ऑयल डिपो से पेट्रोल का आयात नेपाल ने किया बंद 

नेपाल ऑयल कारपोशन का तर्क- इस रूट से तेल की चोरी व मिलावट की आ रही थी शिकायत 

अब पश्चिम बंगाल स्थित सिलीगुड़ी ऑयल डिपो से पेट्रोल इंधन मंगाएगा नेपाल तेल निगम

जोगबनी बॉर्डर से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

Voice4bihar news.  इंडियन ऑयल कारपोरेशन (IOC) का बरौनी तेल डिपो अब तक नेपाल में  सबसे ज्यादा तेल आपूर्ति करने वाला टर्मिनल के रूप में प्रचलित था, लेकिन अब यह तमगा इससे छीन जाएगा। क्योंकि नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन (NOC) ने अब बरौनी रिफाइनरी से इंधन आयत को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके पीछे NOC का तर्क है कि इस रूट में टैंकर चालकों द्वारा तेल की चोरी तथा तेल में मिलावट की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं, जिसके मद्देनजर यह कड़ा निर्णय लिया गया है।

नेपाल ऑयल निगम के एक नम्बर प्रादेशिक कार्यालय, विराटनगर के प्रमुख नकुल भण्डारी ने मीडिया को बताया कि बिहार के बेगूसराय जिला स्थित बरौनी से इन्धन आयात बन्द करने का निर्णय लिया गया है। इसके बदले पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तेल डिपो से इंधन का आयात किया जाएगा।

बिहार के बेगूसराय स्थित बरौनी रिफाइनरी व पेट्रोल लोड कर नेपाल जाते नेपााल ऑयल कारपोरेशन के टैंकर।
बिहार के बेगूसराय स्थित बरौनी रिफाइनरी व पेट्रोल लोड कर नेपाल जाते नेपााल ऑयल कारपोरेशन के टैंकर।

पिछले दो वर्षो से सिर्फ पेट्रोल की होती थी सप्लाई, अब वह भी बंद

उल्लेखनीय है कि नेपाल के विराटनगर के लिए बरौनी ऑयल डिपो से पिछले दो वर्ष से सिर्फ पेट्रोल का आयात किया जा रहा था। हर रोज पेट्रोल लाने के लिए 15 -20 टैंकर विराटनगर से बिहार के बरौनी भेजे जाते रहे हैं। ताजा निर्णय के बाद इन टैंकरों को डायवर्ट करते हुए सिलीगुड़ी भेजा जा रहा है। वहीं नेपाल में डीजल की आपूर्ति पाइपलाइन के जरिये की जाती है। नेपाल के दो नम्बर प्रादेशिक कार्यालय अमलेखगन्जबाट तक पाइप के माध्यम से डीजल पहुंचता है। वहां से टैंकर में भरकर विराटनगर मंगाया जाता है।

पहले सिलीगुड़ी से नेपाल भेजे जाते थे 5-7 टैंकर तेल, अब लोड हो रहे 25 टैंकर

एक नम्बर प्रदेशिक कार्यालय प्रमुख के अनुसार  ‘अमलेखगन्ज–विराटनगर रुट में हर रोज करीब 50 टैंकर से डीजल की ढुलाई की जा रही है। इससे पूर्व सिलीगुड़ी से  झापा के चारआली स्थित निगम के शाखा कार्यालय में ही सिर्फ तेल की ढुलाई होती थी। पहले सिलीगुड़ी डिपो से  प्रतिदिन 5–7 टैंकर आते थे लेकिन अब  प्रतिदिन  चारआली व विराटनगर के लिए सिलीगुड़ी डिपो से औसत 25 टैंकर तेल लोड हो रहे हैं।

बरौनी की तुलना में सिलीगुड़ी तेल डिपो काफी छोटा, पेट्रोल आयात आसान नहीं

नेपाल ऑयल निगम ने भले ही तेल चोरी व मिलावट के बहाने बरौनी से तेल आयात बंद किया है, लेकिन समस्याएं इसका पीछा नहीं छोड़ रहीं। बरौनी की तुलना में सिलीगुड़ी डिपो काफी छोटा होने के कारण नेपाल में मांग अनुसार पेट्रोल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। NOC के विराटनगर कार्यालय प्रमुख नकुल भण्डारी ने भी आंशिक रूप से यह बात स्वीकार की है। पेट्रोल की कमी की बात तो वे स्वीकार करते हैं, लेकिन वजह कुछ और बताते हैं।

इनके अनुसार बरौनी रुट के टैंकर का सुरक्षा मापदण्ड, क्यालिब्रेसन सहित अन्य जांच में समय लगने के कारण समय से तेल लोड नहीं हो सका है। इस वजह से आपूर्ति बाधित हुई। नेपाल के पूर्वी भाग में पेट्रोल की कमी देखी जा रही है जिसको सहज करने के लिए कुछ टैंकर को पेट्रोल के लिए बरौनी भेजा गया है। एक दो दिन में स्टॉक पूरी होने के बाद जैसे ही स्थिति सहज होगी बरौनी से पूर्ण रूप में तेल का आयात रोक दिया जाएगा और सिलीगुड़ी से पेट्रोल का आयात जारी रहेगा।

बरौनी रूट बंद करने के पीछे हैं दो मुख्य कारण

बताया गया है बरौनी–विराटनगर रुट करीब साढे तीन सौ किलोमीटर से ज्यादा लम्बा है, जिससे सिर्फ इन्धन दुवानी के लिए प्रति टैंकर 60 हजार रुपये भाड़ा नेपाल ऑयल निगम भुगतान करता है। लेकिन बरौनी के बदले सिलीगुड़ी से इन्धन लाने से इसकी दूरी घट कर करिब 150 किलोमीटर होती है। इसका किराया 20 हजार रुपये ही देना होता है। ऐसे में नेपाल को प्रति टैंकर 40 हजार रुपये की बचत होगी।

दूसरा कारण यह है कि नेपाल के सीमा से सबसे ज्यादा दूरी में बरौनी डिपो होने से इंधन लाने के समय तेल की चोरी व मिलावट की घटना लगातार सामने आ रही थी। आयल निगम की ओर से दिये गए आंकड़े के अनुसार 90 प्रतिशत चोरी तथा मिलावट की घटना बरौनी रुट से आने वाले तेल के टैंकर से होती है। इसी कारण बरौनी रिफाइनरी से तेल आयत को बंद कर सिलीगुड़ी डिपो से तेल लाने का निर्णय लिया गया है।

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