मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीय कोटा से OBC को भी मिले दाखिला, सुशील मोदी ने केंद्र सरकार से की मांग

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने OBC की हकमारी पर संसद में रखी अपनी बात

कहा-आगामी NEET परीक्षा से पहले फैसला आए तो OBC छात्रों का होगा भला

पटना (voice4bihar news)। देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला के लिए 15 प्रतिशत केंद्रीय कोटा में OBC को आरक्षण नहीं मिलने का मुद्दा इन दिनों काफी गरम है। सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार व मद्रास हाईकोर्ट के बीच अटके इस मामले में त्वरित फैसले के लिए हर तरफ से दबाव बनता दिख रहा है। बिहार में राजद व जदयू की ओर से पुरजोर मांग के बाद अब भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी इस मसले पर केंद्र सरकार का ध्यान खींचा है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को संसद के उच्च सदन में मामले को उठाया। शून्यकाल के दौरान सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देश भर के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए राज्यों में मिलने वाले केंद्र के 15 फीसद ऑल इंडिया कोटे में SC/ST की तरह OBC को भी 27 फीसद आरक्षण लागू करने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस संबंध में कई वर्षों से लंबित मामले में शीघ्र फैसला देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से सरकार आग्रह करे।

सुशील मोदी ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर ऑल इंडिया कोटे से मेडिकल में नामांकन के लिए OBC को 27 फीसद आरक्षण देने पर अपनी सहमति दे चुकी है। इसके अलावा हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट की ओर से इसी मुद्दे पर गठित 5 सदस्यीय कमेटी ने भी ऑल इंडिया कोटा से OBC को आरक्षण देने के पक्ष में अपनी राय दी है। दूसरी ओर केंद्रीय कोटा में OBC हिस्सेदारी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में “सलोनी कुमारी बनाम भारत सरकार” मामला वर्ष 2015 से ही लम्बित है। इस पर शीघ्र निर्णय लेने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इसी वर्ष 21 सितम्बर को मेडिकल में नामांकन के लिए ऑल इंडिया स्तर पर NEET की परीक्षा आयोजित होने वाली है। अगर इस परीक्षा के पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला OBC आरक्षण के पक्ष में आ जाता, तो इससे इस श्रेणी के छात्रों को नामांकन में लाभ मिलता।

NEET में दाखिला के लिए केंद्रीय कोटा का क्या है गणित!

मालूम हो कि वर्ष 2017 के बाद से देशभर के मेडिकल कालेजों में दाखिला के लिए एक ही परीक्षा NEET का आयोजन होता है। इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट में 85 फीसद सीटें राज्यों के कोटे में जाती है, जबकि 15 फीसद ऑल इंडिया कोटे के तहत केंद्र सरकार को दी जाती है। राज्यों को मिलने वाली 85 प्रतिशत सीटों पर संबंधित राज्य सरकारें अपनी नीति के हिसाब से आरक्षण देती हैं। इनमें SC, ST व OBC को अनुपात के अनुसार आरक्षण मिलता है।

राज्य सरकारों को मिलने वाले कोटा के बाद शेष 15 फीसदी सीटों पर वर्ग के अनुसार हिस्सेदारी की मांग लंबे समय से उठ रही है। वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर वंचित वर्गों को उनका हक दिया। इसमें अनुसूचित जाति (SC) को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है।

इसके विरोध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़ी है। इस बीच मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर इस मसले को फिर से हवा दी है। तमाम पक्षकारों की सहमति के बावजूद OBC को केंद्रीय कोटा में हिस्सेदारी मिलने या नहीं मिलने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के पाले में है। देखना दिलचस्प होगा कि राजनीतिक व हित समूहों के दबाव के बीच केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है।

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All India Quota in NEETNEET: Everyone want's share in All India Quotaनीट परीक्षा में केंद्रीय कोटामेडिकल में एडमिशन का केंद्रीय कोटा