परिवार का संस्कार बिगड़ने लगे तो समझें विपत्ति आ रही है : जीयर स्वामी

आरा के जगदीशपुर में स्वामी जी का हुआ प्रवचन

आरा (voice4bihar desk)। जगदीशपुर में आयोजित यज्ञ में पहुंचे जीयर स्वामी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि परिवार के लोगों का संस्कार बिगड़ने लगे तो समझना चाहिए कि विपत्ती आ रही है। स्वामी जी ने कहा कि दो-चार धार्मिक पुस्तकें हर घर में होनी चाहिए। गीता प्रेस की एक किताब है क्या करें और क्या न करें। दूसरी है भवन भाष्कर – इसमे घर के बारे में बताया गया है कि कहां खिड़की होनी चाहिए, कहां टीवी, बल्ब होना चाहिए्र कहां नल होना चाहिए। साथ ही घर में भागवत् महापुराण रखना चाहिए। साक्षात् भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है। इसे हमेशा पढ़ना चाहिए।

स्वामी जी ने कहा कि महापुरूषों का लक्ष्य कभी गलत नहीं होता। अनुयायियों द्वारा उसे तोड़-मरोड़कर परोस दिये जाने से समाज के लोग अस्त-व्यस्त हो जाते हैं। श्री जीयर स्वामी ने कहा कि धर्म एक ही है। दर्शन अलग हो सकते हैं। सनातन धर्म का अस्तित्व पहले भी था, आज भी है, आगे भी रहेगा। सनातन धर्म हमारे तन, मन, व्यवहार और वाणी में समाया हुआ है। हिंसा करने वाले व्यक्ति को भी लगता है कि हमारी अगली पीढ़़ी बेइमानी और हिंसा नहीं करे, यही तो है सनातन धर्म।

जब हमारे घर में परिवार में रहन-सहन, उठन-बैठन, बोल-चाल, खान-पान सब बिगड़ जाए तो समझना चाहिए सबसे बड़ी विपत्ति यही है। इस विपत्ति में सर्वनाश के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है। जिसने संकल्प ले लिया कि चोरी, बेईमानी, अनीति, अन्याय, कुकर्म, अधर्म नही करूंगा वही सबसे श्रेष्ठ है। इसके पहले श्री जीयर स्वामी जी महाराज का जगदीशपुर पहुंचने पर ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया। यज्ञ स्थल पर स्वामी जी के जयकारे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा।

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