Voice4bihar desk. बिहार में बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाने के लिए भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन वैधानिक तौर पर तैयार हो गये हैं। शुक्रवार को उन्होंने बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी के साथ विधान परिषद की सदस्यता की शपथ ली। विधानसभा चुनाव में हार के बाद विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी को भाजपा कोटे से विधान परिषद में भेजा गया है।
इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और वाजपेयी सरकार में केंद्र में मंत्री रह चुके शाहनवाज हुसैन की आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने की चर्चा जोरों पर है। वैसे तो फिलहाल उन्हें बिहार में मंत्री बनाये जाने की बात कही जा रही है लेकिन केंद्र में मंत्री रह चुके हुसैन के लिए बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्रियों तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के मातहत काम करना आसान नहीं होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि शाहनवाज हुसैन को पार्टी इससे बड़ी भूमिका दे सकती है।
शुक्रवार को बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने शाहनवाज हुसैन और मुकेश सहनी को विधान परिषद की सदस्यता की शपथ दिलायी। मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा और मंत्री विजय कुमार चौधरी समेत कई अन्य मंत्री, विधायक व विधान पार्षद मौजूद थे।
शाहनवाज हुसैन सुशील कुमार मोदी और सहनी विनोद नारायण झा के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। हुसैन का कार्यकाल पांच मई, 2024 तक जबकि सहनी का 21, जुलाई 2022 तक है। सहनी शुरू में डेढ़ साल के लिए विधान परिषद का सदस्य बनने को तैयार नहीं थे पर बाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर वे इसके लिए तैयार हुए। सुशील मोदी को भाजपा ने राज्यसभा सदस्य बनाया है।
मुकेश सहनी के बाद अब बिहार सरकार में अशोक चौधरी ऐसे मंत्री रह गये हैं जो विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। प्रावधान के अनुसार मंत्री पद की शपथ लेने के बाद छह माह के अंदर चौधरी का किसी सदन का सदस्य होना जरूरी है। ऐसे में चौधरी के लिए अगले करीब 100 दिनों में किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है। माना जा रहा है कि उन्हें राज्यपाल द्वारा मनोनीत कर विधान परिषद भेजा जायेगा। राज्यपाल के कोटे से कुल 12 सदस्यों का मनोनयन होना है।
हालांकि इसमें एनडीए के घटक जीतन राम मांझी ने पेंच फंसा रखा है। फिलहाल मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के चार विधायक हैं। इनमें से एक संतोष कुमार सुमन को पार्टी कोटे से मंत्री बनाया गया है। मांझी ने पार्टी की ओर से एक और विधान परिषद की सीट और एक मंत्री पद की मांग कर दी है।