अंत्येष्टि करने से अपनों ने मुंह मोड़ा तो जेसीबी से उठाया गया शव

कोरोना ने तोड़ा सामाजिक तानाबाना, दो दिनों तक घर में पड़ी रही महिला की लाश

समाज ने बनाई दूरी, परिवार ने भी दाह-संस्कार करने से किया इनकार

अररिया से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

जोगबनी (voice4bihar news)। लगातार बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण के बीच मौत का भी आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं विपदा की इस घड़ी में मानवीय संवेदना भी शून्य हो रही हैं। ‘फिजिकल डिस्टेंसिंग’ की बजाए लोगों ने “सोशल डिस्टेंसिंग” रखनी शुरू कर दी है, जिसकी वजह से सामाजिक रिश्ते का तानाबाना भी टूट रहा है। कोविड पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद समाज तो क्या परिवार के सदस्य भी अपनों से मुंह मोड़ने लगे हैं। ऐसे में जेसीबी मशीन की मदद से शव उठाना पड़ा।

ऐसा ही एक मामला फारबिसगंज के जुम्मन चौक के पास सामने आया है। जहां मौत के खौफ के बाद कोविड पॉजिटिव मरीज का शव कई दिनों तक घर में पड़ा रहा है। लोग शव का अंतिम संस्कार तक करने से कतराते रहे। बताया जाता है कि जुम्मन चौक की राधा देवी की मौत के बाद परिजनों ने शव को उठाने और अंतिम संस्कार से तो मना कर ही दिया, प्रशासन को भी इसकी सूचना नहीं दी। आखिरकार प्रशासनिक स्तर पर पहल तब हुई जब शव से दुर्गंध आने लगी। दो दिन से घर में पड़े शव को प्रशासन ने जेसीबी मशीन से उठवा कर अंतिम संस्कार कराया।

कोरोना संक्रमित होने के कारण पति भी दिखे लाचार

फारबिसगंज जुम्मन चौक निवासी कमल कुमार की पत्नी राधा देवी कोरोना से संक्रमित थी और घर में ही रहकर इलाज करा रही थीं। इसी क्रम में दो दिन पहले उनकी मौत हो गयी। इधर राधा देवी के पति कमल कुमार भी कोरोना से संक्रमित होने के कारण पत्नी के शव का अंतिम संस्कार कर पाने में पूरी तरह लाचार थे। घर में कमल की चार बेटियां और एक छोटा सा बेटा है।

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मां के अंतिम संस्कार के लिए गुहार लगाती रहीं बेटियां

बेटियों ने सामाजिक स्तर पर मां के अंतिम संस्कार के लिए गुहार भी लगायी, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर यूं ही शव को घर में पड़ा रहने दिया। इस बीच दो दिन से शव के घर में पड़े रहने के कारण बदबू आने लगी तब जाकर पुलिस और प्रशासन को इसकी जानकारी दी गयी। इसके बाद वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने जेसीबी मशीन के साथ कर्मचारियों को भेज कर शव को उठवाया और फिर उसका अंतिम संस्कार करवाया। नगर परिषद के कर्मचारियों ने पीपीई किट पहनकर शव को किसी तरह उठाया।

नगर परिषद ने करवाया अंतिम संस्कार

दरअसल जब दो दिनों तक शव नहीं उठ पाया तो जुम्मन चौक से दूर मेला रोड में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता डिम्पल चौधरी को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने फारबिसगंज थाना सहित नगर परिषद और अस्पताल प्रबंधन को पूरे वाक्ये की जानकारी दी। जिसके बाद नगर परिषद प्रशासन ने पहल करते हुए जेसीबी मशीन से शव को उठाकर स्थानीय श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करवा दिया।

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Fellows turned their faces at the funeral