सरकार और किसानों के बीच दूरी सिर्फ एक फोन कॉल की : प्रधानमंत्री

सरकार किसानों से बातचीत को हमेशा तैयार : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली (voice4bihar desk.com)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानों को बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार और किसानों के बीच सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी है। वे एक फोन कॉल पर किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। सरकार ने 22 जनवरी को किसानों को जो प्रस्ताव दिया था आज भी उस पर कायम है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे का समाधान चाहती है।

इसके पहले संसद में 2021-22 का बजट पेश किए जाने से पूर्व सत्र संचालन में सभी दलों से सहयोग लेने को सरकार ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हुई इस सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। किसानों को 22 जनवरी को जो प्रस्ताव दिया गया था वह अब भी बरकरार है। कोई भी हल बातचीत से ही निकलना चाहिए। बैठक में सभी दलों के सामने सरकार ने अपना एजेंडा रखा।

बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की गयी। इसमें कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों के नेता शामिल हुए। विपक्ष ने सरकार को दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार से उनसे बातचीत करने का आग्रह किया और कहा कि जब तक किसान सड़कों पर हैं तब तक किसी भी दल के लिए संसद सत्र में सुचारु रूप से कामकाज करना आसान नहीं होगा।

बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम केआर बालू, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय सहित कई दलों के नेताओं ने किसानों से जुड़े मुद्दे को उठाया। बैठक में जदयू ने कृषि कानूनों का समर्थन किया जबकि बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्र ने बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने की सरकार से मांग की। शिवसेना तथा शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने भी सरकार से किसानों की मांग मानते हुए कृषि संबंधि तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की।

 भाकियू का गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन तेज

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर गाजीपुर के पास प्रदर्शन कर रहे किसानों की संख्या शनिवार को और बढ़ गई । केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन में बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो गई थी लेकिन मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल हो गये हैं। हरियाणा और राजस्थान के जिलों के किसान भी यहां पहुंचे हैं।

भाकियू के मेरठ क्षेत्र के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा आंदोलन मजबूत था और है। भाकियू नेता राकेश टिकैत के साथ प्रदर्शन स्थल पर मौजूद खटाना ने कहा कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग को लेकर हो रहे शांतपूर्ण प्रदर्शन को लगातार समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा यह राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है। जो भी भाकियू एवं राकेश टिकैत की विचारधारा का समर्थन करता है उसका स्वागत है लेकिन हमारी अपील है कि जो अंत तक हमारे आंदोलन को समर्थन देने को इच्छुक नहीं हैं, वे इसे बीच में छोड़ने के लिए नहीं आएं।

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