मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे बौद्ध स्तूप, मगर नहीं खुला स्तूप का मुख्य द्वार

थोड़े इंतजार के बाद आगे बढ़ गया मुख्यमंत्री का काफिला

केसरिया के सतरघाट पुल पहुंचकर सीएम ने पूरा किया अपना वादा

मोतिहारी ( voice4bihar news ) । उत्तर बिहार के जिलों में सुरक्षा तटबंधों का जायजा लेने निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया में सतरघाट पुल का निरीक्षण करने पहुंचे। वे आज पिछली बरसात में क्षतिग्रस्त सारण जिले के तटबंध के निरीक्षण के क्रम में यहां पहुंचे थे। इसके बाद अचानक मुख्यमंत्री का काफिला सीधे विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप जा पहुंचा। हालांकि बौद्ध स्तूप का मुख्य द्वार बंद होने के कारण मुख्यमंत्री बौद्ध स्तूप परिसर में नहीं जा सके। उन्होंने पुनः सतरघाट पुल की ओर रुख किया। इस घटना को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं।

सतरघाट पुल के संबंध में अफसरों से ली जानकारी

केसरिया बौद्ध स्तूप से लौटकर दुबारा सतरघाट पहुंचे मुख्यमंत्री ने वहां उपस्थित अधिकारियों से पुल, गाइड बांध व मरम्मत कार्य की जानकारी ली। निरीक्षण के क्रम में इनके साथ मध निषेध मंत्री जनक राम, गोपालगंज के सांसद भी मौजूद थे । मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर प्रशासन के आलाधिकारी सक्रिय रहे। पूर्वी चंपारण के प्रभारी डीएम कमलेश कुमार सिंह , अपर समाहर्ता शशिशेखर चौधरी, एएसपी शैशव यादव, डीटीओ अनुराग कौशल सिंह, एसडीओ चकिया बृजेश कुमार, डीसीएलआर चकिया शंकर शरण, सीओ केसरिया प्रवीण सिन्हा, बीडीओ आभा कुमारी, सीओ कल्याणपुर अश्विनी कुमार के अलावा थानाध्यक्ष विनय कुमार कार्यक्रम को लेकर चुस्त दिखे।

सीएम के अचानक दौरे को लेकर कई तरह की चर्चा

सीएम के केसरिया पहुंचने के बाद सड़क मार्ग में सतरघाट पुल से लेकर बौध स्तूप तक पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी की तैनाती की गई थी । मुख्यमंत्री के अचानक दौरे से लोग अचंभित थे। लोगों में तरह-तरह की चर्चा हो रही थी । मुख्यमंत्री ने इस दौरे के क्रम में प्रस्तावित रामजानकी पथ व स्तूप के समीप बने कैफेटेरियार पर्यटक भवन ) के पहुंच पथ की भी जानकारी ली ।

व्यस्त कार्यक्रम के कारण नहीं किया इंतजार!

मुख्यमंत्री जब बौद्ध स्तूप पहुंचे उस समय परिसर का मुख्य द्वार बंद था। हालांकि उपस्थित कर्मा मुख्य द्वार खोलने के लिए गया परंतु मुख्य द्वार खुलने से पूर्व ही सड़क मार्ग से ही मुख्यमंत्री का काफिला सतरघाट की ओर मुड़ गया। शायद कार्यक्रम की व्यस्तता के कारण सीएम ने ऐसा किया। इस संबंध में बौद्ध स्तूप के स्थानीय गाइड सहेंद्र यादव के अनुसार उन्हें इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी।

पहले से तय नहीं था कार्यक्रम

सहेंद्र यादव ने बताया कि सुरक्षा को लेकर मुख्य द्वार बंद रहता है । अगर मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम की जानकारी होती तो मुख्य द्वार को खोल कर रखा जाता । सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गोपालगंज जिले के बैकुण्ठपुर प्रखंड के ध्वस्त रिंग बांध के निरीक्षण में आये थे। इसी क्रम में वे सतरघाट पुल व बौद्ध स्तूप पहुंचे ।

वादे के मुताबिक पहुंचे थे सतरघाट पुल

सतरघाट पुल पर सीएम का आना भी उनके वादे को पूरा करने के नजरिये से देखा जा रहा है। दरअसल सीएम ने 16 जून 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस पुल का उद्घाटन किया था । इस क्रम में उन्होंने कहा था कि अगर मौका मिलेगा तो सतरघाट पुल का निरीक्षण करने आऊंगा । माना जा रहा है कि इसी वादे के मुताबिक सीएम आज सतरघाट पहुंचे थे।

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