निगरानी की गिरफ्त से खींचकर घूसखोर थानेदार को पीटा

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने औरंगाबाद जिले के गोह थानाध्यक्ष को 30 हजार नगद रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार

औरंगाबाद  (voice4bihar desk ) । एक तो रिश्वतखोरी के आरोप में निगरानी का शिकंजा, ऊपर से स्थानीय लोगों के हाथों से हुई पिटाई ने एक थानेदार की सारी अकड़ निकाल दी। यह नजारा गुरुवार को औरंगाबाद में देखने को मिला। पटना से आई निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने औरंगाबाद जिले के गोह थानाध्यक्ष डॉ . मनोज कुमार को गुरुवार की सुबह 30 हजार की नगद रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया । हालांकि निगरानी की गिरफ्त में होने के बावजूद स्थानीय लोगों ने घूसखोर थानेदार को खींचकर पीट दिया और गाली गलौज की। हालांकि निगरानी की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ थानाध्यक्ष को बचाते हुए गाड़ी में बिठाकर पटना के लिए रवाना हो गई।

 

निगरानी की टीम के लीडर विजिलेंस डीएसपी सुरेंद्र कुमार मौआर ने बताया कि देवकुंड थाना क्षेत्र के रामपुर – बंधवा निवासी गिरीश कुमार एवं अन्य ने 31 दिसम्बर 2020 को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि गोह थानाध्यक्ष डॉ . मनोज कुमार इलाके में बालू की ढुलाई करने वाले ट्रकों से प्रति माह प्रति ट्रक 5 हजार रुपये की रिश्वत की मांग करते है । मांग पूरी नही करने वाले ट्रकों को जबरन पकड़ कर थाना में लगा देते है । शिकायत का संज्ञान लेते हुए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मामले का सत्यापन कराना । सत्यापन के बाद उनके नेतृत्व में निगरानी की एक टीम गठित हुई ।

इस बीच निगरानी की टीम के निर्देश पर शिकायतकर्ताओं ने गोह थानाध्यक्ष से रिश्वत की रकम निर्धारण को लेकर मोलभाव किया । मोलभाव के बाद 5 हजार के बदले 3 हजार प्रति ट्रक प्रति माह रिश्वत की लेनदेन तय हुई । गुरुवार की सुबह गोह थानाध्यक्ष सिविल ड्रेस में ही सड़क पर ही प्रति ट्रक 3 हजार की रकम की वसूली कर रहे थे । इसी दौरान घात लगाये बैठी निगरानी की टीम ने ऑन स्पॉट धावा बोला और थानाध्यक्ष को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया । दबोचने के बाद निगरानी की टीम ने ऑन स्पॉट जामा तलाशी ली ।
इस दौरान उनके पास से 30 हजार की रिश्वत की रकम बरामद की गई । इसके बाद निगरानी की टीम थानाध्यक्ष को पटना ले जाने के लिए अपनी गाड़ी में बिठाने लगी । इससे पहले ही कुछ स्थानीय लोगों ने थानाध्यक्ष की पिटाई भी कर दी । रास्ते में ही थानाध्यक्ष के साथ गाली गलौज करते हुए लोगों ने हाथापाई की । हालांकि निगरानी की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ थानाध्यक्ष को बचाते हुए गाड़ी में बिठाकर पटना के लिए रवाना हो गई। एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी मिली है । मामले की छानबीन की जा रही है । निगरानी की टीम ने इसकी सूचना दी है । थानाध्यक्ष के खिलाफ विभाग के स्तर पर भी कार्रवाई की जाएगी ।

Monitoring screws on bribery charges