अब आंगनबाड़ी के बच्चों को मिलेगा पौष्टिक लड्‌डू, बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता

ऑनलाइन प्रशिक्षण में सीडीपीओ व आंगनबाड़ी पर्यविक्षिकाओं की ट्रेनिंग शुरू

आंगनबाड़ी सेविकाओं के अलावा बच्चों की माताओं को भी बताई जाएगी विधि

अभिषेक कुमार के साथ बजरंगी कुमार सुमन की रिपोर्ट

सासाराम (voice4bihar news)। बाल्यावस्था को जीवन का स्वर्ण काल कहा जाता है। बिहार सरकार ने बच्चों को पौष्टिक लड्डू खिलाकर सोने पर सुहागा करने का फैसला लिया है। इसके लिए सीडीपीओ और आंगनबाड़ी महिला पर्यवेक्षिकाओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हो चुका है। प्रशिक्षण के बाद सेविकाओं को प्रशिक्षित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। ट्रेनिंग लेने के बाद सेविकाएं लड्‌डू तैयार करेंगी और उसे आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को खिलाएंगी। इतना ही नहीं अपने पोषक क्षेत्र के बच्चों की माताओं को भी लड्डू बनाने का हुनर सिखाएंगी ताकि बच्चे घर पर भी लड्डू का आनंद ले सकें।

अंकुरित गेहूं, मूंगफली, तिल, घी और गुड़ से बनेगा लड्‌डू

कोरोनावायरस संक्रमण के तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत आंगनबाड़ी पर बच्चों को घरेलू पौष्टिक आहार देने की कवायद चल रही है। लड्‌डू बनाने का तरीका बिल्कुल आसान और पूरी तरह घरेलू है। आंगनबाड़ी सेविकाओं को लड्‌डू बनाने की विधियां सिखाई जा रही हैं।

पौष्टिक लड्‌डू बनाने की विधि।

कैसे बनेगा पौष्टिक लड्‌डू

लड्डू को तैयार करने की विधियों के अनुसार गेहूं व मूंगफली को पानी में भिगो कर अंकुरित कर सुखाने के पश्चात गरम कराही में सुनहला होने तक भुनना है। इसके बाद पिसाई कर गुड़ और घी के सिरके (पाग) में मिलाकर लड्‌डू तैयार करना है। आम तौर पर ठंड से बचने के लिए घर में बनने वाले मेथी-सोंठ की तर्ज पर यह स्वादिष्ट लड्डू तैयार किया जाना है।

बच्चों को मिलेगा पोषक आहार तो माताओं को स्वरोजगार

आंगनबाड़ी के जरिये शुरू हो रही इस पहल से एक ओर जहां बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर महिलाओं के लिए आमदनी का जरिया भी बनेगा। खाद्य प्रसंस्करण की यह तकनीक बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ साथ महिलाओं के लिए स्वरोजगार भी साबित होगा। इसके साथ हीं बच्चों को मीठा और नमकीन छांछ खिलाने की रणनीति भी तैयार की जा रही है।

लड्‌डू बनाने का तरीका व जरूरी सामग्री।

बालाहार बढ़ाएगा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता

कोरोनावायरस आक्रमण के तीसरे लहर को देखते हुए बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कवायद शुरू करते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को दी जाने वाली भोजन व्यवस्था में बदलाव का रणनीति तैयार की है। इस रणनीति से आंगनबाड़ी सेविकाओं सहित बच्चों की माताओं को भी अवगत कराया जाएगा ताकि बच्चे आंगनबाड़ी के साथ-साथ घर में भी पौष्टिक आहार प्राप्त कर सकें। इस आहार के सेवन से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा।

बालाहार बनाने की विधि व जरूरी सामग्री।

मिश्रित अनाजों से बनेगा बालाहार

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बच्चों को फास्ट फूड से छुटकारा दिलाने के लिए मिश्रित अनाजों को भुनने के बाद तैयार अनाज के पाउडर को ‘बालाहार’ नाम दिया गया है। यह बालाहार एक प्रकार का दलिया होगा। ऐसे बच्चों के भूख लगते ही तुरंत गर्म पानी या दूध में चीनी के साथ तुरंत मिलाकर बच्चों को दिया जा सकता है। इससे बच्चों को तत्काल भोजन प्राप्त हो सकेगा। इस पौष्टिक खाद्य पदार्थ से बच्चों की पाचन शक्ति मजबूत बनेगी। साथ ही बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर कुपोषण दूर हो करने में मदद मिलेगी। यह कदम नयी पीढ़ी को मजबूत बनाने में कारगर साबित होगा।

Anganwadi children will get nutritious laddusISDS Biharआंगनबाड़ी में पौष्टिक लड्‌डू