पटना (voice4bihar desk)। बिहार में कोरोना संक्रमण कितने खतरनाक स्टेज में पहुंच चुका है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिहार सरकार अपने सबसे बड़े अधिकारी मुख्य सचिव को नहीं बचा सकी। बिहार के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की शुकवार को कोरोना संक्रमण से राजधानी पटना के सबसे बड़े माने जाने वाले निजी अस्पताल पारस एचएमआरआई में मौत हो गयी।
बताया जाता है कि मुख्य सचिव को कोरोना से पीड़ित होने के बाद हालत बिगड़ने पर इलाज के लिए पटना एम्स ले जाया गया था पर वहां उन्हें एडमिट नहीं किया गया था। फेसबुक के हटियंस (नोबा) पेज पर उदय कुमार लिखते हैं कि बिहार सरकार के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की तबियत परसों रात अचानक खराब हो गयी थी। तब वे पटना एम्स पहुंचे थे जहां उन्हें एडमिट नहीं किया गया। प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जब इस मामले में पटना एम्स के अधीक्षक को फोन किया तो उनका जवाब था कि बेड छोड़कर बात कीजिए।
इसके बाद उन्हें आनन फानन में पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। उदय कुमार लिखते हैं कि बिहार की मौजूदा हालात में घटना बताती है कि कितनी बदतर स्थिति है। जब बिहार में बिहार के मुख्य सचिव की सुनने वाला कोई नहीं है तो आम आदमी का क्या हाल होगा।
दीपक कुमार के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त होने के बाद इसी साल 28 फरवरी को अरुण कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाया गया था। उन्हें इसी साल अक्टूबर में रिटायर होना था। नेतरहाट के छात्र रहे अरुण कुमार 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की कोरोना संक्रमण से हुई मौत अत्यंत दुःखद है। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के कुशल प्रशासक थे। वे मिलनसार व्यक्ति थे। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी भूमिका का बेहतर निर्वहन किया था। उनके निधन से प्रशासनिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शोक जताते हुए कहा कि बिहार सरकार के मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह जी की कोरोना संक्रमण के कारण हुई असामयिक मौत पर मर्माहत हूं। कुछ कहने को शब्द नहीं। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।