पटना (voice4bihar desk)। बृहस्पतिवार को राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा तेज रही कि क्या तेज प्रताप यादव की सीवान यात्रा ईद के मौके पर राजद को सुकून पहुंचा पायेगी। बृहस्पितवार को सीवान के प्रतापपुर में शहाबुद्दीन के परिजनों से मिलने के बाद तेज प्रताप ने ट्वीट कर बताया कि मरहूम मोहम्मद शहाबुद्दीन साहब के परिजनों से मिलने आज सीवान स्थित उनके पैतृक आवास पर पहुंचा। ओसामा हमारा छोटा शहाबुद्दीन है और हमने उनके हर सुख-दुख में साथ देने का वादा किया है। खास बात है कि तेज प्रताप की सीवान यात्रा को राजद की मंजूरी थी अथवा नहीं अभी इसका पता नहीं चल पाया है। क्योंकि इस बारे में अब तक राजद की ओर से कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गयी है।
तेज प्रताप राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े पुत्र हैं और इस बार समस्तीपुर के हसनपुर से विधायक चुने गये हैं। तेज प्रताप के छोटे भाई और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों अपने पिता की सेवा में दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। चारा घोटाले के कई मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद इन दिनों रांची हाईकोर्ट से जमानत मिलने और दिल्ली एम्स से छुट्टी मिलने के बाद दिल्ली में अपनी सांसद पुत्री मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। तेज प्रताप जिस वक्त शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा से मिलने उनके आवास पर गये थे उनके साथ सीवान जिले के राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी और जीतेंद्र कुमार राय भी मौजूद थे।
एक मई को कोराना से हो गया था शहाबुद्दीन का निधन
सीवान से राजद के सांसद रहे शहाबुद्दीन का एक मई को दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में निधन हो गया था। 18 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित होने के बाद 20 अप्रैल को राजद के पूर्व सांसद को डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने एक मई को आखिरी सांस ली। अपने अंतिम समय में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन जब तक जीवित रहे तब तक राजद के वफादार रहे पर उनकी मौत के बाद उनके पुत्र ओसामा शहाब ने न केवल राजद से बगावत कर दी बल्कि सीवान में राजद की कब्र खोदने की सार्वजनिक रूप से शपथ भी ली।
ओसामा शहाब का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें वे लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को ने केवल सार्वजनिक रूप से भला-बुरा कह रहे हैं बल्कि शहाबुद्दीन की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार भी बता रहे हैं। ओसामा और उनके समर्थकों को सबसे अधिक नाराजगी इस बात को लेकर थी कि उन्हें कोरोना का हवाला देकर शहाबुद्दीन का शव सीवान ले जाने की इजाजत नहीं दी गयी जबकि उसी दिन मरने वाले वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना का शव हरियाणा ले जाने की इजाजत उनके परिवार के सदस्यों को दी गयी।
ओसामा का कहना था कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव यदि मदद करते तो शहाबुद्दीन के शव को उन्हें भी सीवान ले जाने की इजाजत मिल जाती। बात इतनी बढ़ी कि मुस्लिम समुदाय से आने वाले राजद के कई विधायकों ने इस्तीफे की धमकी तक दे डाली। हालांकि बाद में तेजस्वी डैमेज कंट्रोल में जुटे। तीन मई को उन्होंने एक साथ तीन ट्वीट किये। एक ट्वीट में लिखा, हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मग़फ़िरत की दुआ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मक़ाम मिले। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। राजद उनके परिवार वालों के साथ हर मोड़ पर खड़ी रही है और आगे भी रहेगी।
दूसरे ट्वीट में लिखा, इलाज़ के सारे इंतज़ामात से लेकर मय्यत को घरवालों की मर्ज़ी के मुताबिक़ उनके आबाई वतन सीवान में सुपुर्द-ए-ख़ाक करने के लिए मैंने और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वयं तमाम कोशिशें की, परिजनों के सम्पर्क में रहे लेकिन सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए टाल-मटोल कर आख़िरकार इजाज़त नहीं दी। तीसरे ट्वीट में लिखा, शासन-प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर अड़ियल रुख़ बनाए रखा। पोस्ट्मॉर्टम के बाद प्रशासन उन्हें कहीं और दफ़नाना चाह रहा था लेकिन अंत में कमिशनर से बात कर परिजनों द्वारा दिए गए दो विकल्पों में से एक ITO क़ब्रिस्तान की अनुमति दिलाई गयी। ईश्वर मरहूम को जन्नत में आला मक़ाम दे।
तेजस्वी के इस ट्वीट के बाद राजद का एक प्रतिनिधिमंडल भी सीवान गया था पर उसकी शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से मुलाकात नहीं हो पायी थी। कहा गया कि एक खास रस्म के चलते अभी वे गैर मर्दों से मुलाकात नहीं कर सकतीं हैं। राजद एमएलसी रीतलाल यादव भी इस बीच सीवान से हो आये हैं। राजद नेतृत्व की ओर से लगातार ओसामा शहाब को मरहम लगाने की कोशिशें जारी हैं। पर, आने वाला वक्त ही बतायेगा कि इन कोशिशों को सफलता कितनी मिलती है।