कुंती देवी सजा : ऊपरी अदालत में शायद ही टिके पुलिस की थ्योरी

जदयू कार्यकर्ता की हत्या के मामले में पूर्व विधायक को सुनायी गयी है आजीवन कारावास की सजा

Voice4bihar desk. राजद की पूर्व विधायक कुंती देवी की सजा ऊपरी अदालत में बरकरार रह पायेगी इसमें विशेषज्ञों को शक है। उनका मानना है कि मामला लाठी-डंडे से पीटकर हत्या करने का है और अदालत ने इसमें केवल कुंती देवी को सजा सुनायी है। अब सवाल उठता है कि क्या केवल एक महिला लाठी-डंडे से पीटकर किसी की हत्या कर सकती है ? जानकार कहते हैं कि पुलिस की यह थ्योरी ऊपरी अदालत में नहीं टिक पायेगी और आरोपित कुंती देवी को राहत मिल जायेगी।

गया जिले के अतरी विधानसभा क्षेत्र के बथानी में 2010 के पहले तक राजद को छोड़ कर किसी और पार्टी का कार्यालय नहीं था। राजद के पूर्व विधायक राजेंद्र यादव के दबदबे के कारण इस क्षेत्र में पार्टी कार्यालय खोलने की हिम्मत कोई और नहीं कर सका था। पर, 2010 में जदयू के तत्कालीन विधायक रहे कृष्णण यादव के नेतृत्व में बथानी में पार्टी का कार्यालय खोला गया। बताते हैं कि इसी को लेकर विवाद बढ़ा और जदयू के तत्कालीन प्रखंड कार्यकारिणी सदस्य सुमीरक यादव की हत्या की गयी।

नीमचक थाने में सुमीरक यादव के भाई विजय यादव द्वारा दर्ज कराये गये कांड संख्या 21/2013 के मुताबिक सुमीरक यादव जब कार्यालय बंद होने के बाद घर लौट रहे थे उसी वक्त कुंती देवी के कहने पर उनके लोगों ने लाठी-डंडे से पीट कर सुमीरक यादव की हत्या कर दी। उन दिनों पूर्व विधायक राजेंद्र यादव जेल में बंद थे। इस मामले में कुंती देवी के पुत्र रंजीत यादव को नामजद और कुछ अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया था।

जांच के दौरान घटना के दिन का हवाई यात्रा का टिकट पेश कर रंजीत यादव ने खुद को बचा लिया। पूरे मामले में केवल कुंती देवी पर ही ट्रायल चला और एडीजे की अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। कुंती देवी के अधिवक्ता ने कहा है कि वे ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। अब देखना है कि ऊपरी अदालत में पुलिस की थ्योरी टिकती है या कुंती देवी बरी हो जातीं हैं।

Kunti Devi sentenced: police theory hardly survives in upper court